एक कोशिश हर दिन

हर साल बसंत ऋतु आती है और पेड़ की डालियाँ नई पत्तियों से भर जाती है | 

यदि पेड़ अपनी पुरानी सूखी पत्तियों को न छोड़े तो क्या नई कोपलों के लिए जगह संभव है? 

जीवन में नवीनता और निरंतर बढ़ते रहने के लिए हमें पुराने विचारों, आदतों एवं मान्यताओं को छोड़ना होगा, तभी बदलाव संभव है |
क्या आप आज सुबह भी उसी पथ पर चले, जिस पर हर दूसरे दिन चलते हैं| 
उस रास्ते पर गौर करें, वह पथ चलते चलते पक्का हो जाता है और वह आपको वहां ले जाता है, जहाँ आप हमेशा पहुंचते हैं | 
पर वह आपको किसी नए अवसर, लोगों एवं अनुभव तक नहीं लेकर जाता, उसके लिए आपको किसी कच्चे, कम विकसित, अनजाने रास्ते को चुनना होगा | 

इसीलिए कोशिश करें, हर दिन, छोटी सी |

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