छाँह की तरह कुछ यूँ सुकून दे,
की आपको धूप की तपन में सुखों भरी गर्माहट महसूस हो |
इत्मीनान आपसे हर रोज़ मिले |
कुछ इस तरह के एहसास के साथ
की दिन चाहे जितने उतार चढ़ावों से गुज़रे,
आपका एतमाद कायम रहे |
सुख आपको ढूंढ सके |
वक़्त की तहों को पलटते हुए आप उसके मिलने के इत्तेफ़ाक़ को समझ लें, चख लें
उस प्रिय व्यंजन की तरह जो जैसे अभी मिला है, फिर मिले |
मन आस्था से जगमगाता रहे |
तलवे में काँटा भी चुभे, तो सिर पर ईश्वर के होने का यकीन रहे |
लगन की लौ हर दिल में ऊँची रहे |
जूनून इसको कुछ यूँ जलाए रखे की कोई इंसान बेमकसद न दिखे |
दिल में सुकून हो |
जैसे पिता को होता है,
जिसका बच्चा उसकी बांह पर सिर टिकाये सपने देख रहा हो |
धीर धरे हर मन |
उस किसान की तरह,
जो आसमान के मिज़ाज़ के आसरे पर माटी में भरोसा बोता है और इंतज़ार करता है |
किसी का भी चाँद ना रूठे, ना सूरज बुझे |
आंगनों में बच्चे मेहफ़ूज़ हो |
आसमान में परिंदे बेख़ौफ़ हो |
नदियों के बल रहें, नखरे कायम रहें |
पहाड़ो का फ़ख बना रहें |
ज़मीन का नाज़ रहें |
हर आँख में लिहाज़ हो |
जीने में सलीका हो |
हर कदम में एतिहयात हो |
हर नज़र मुस्कान के संग उठे |
हर हाथ में दुआ हो |
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