कुछ इस तरह...



खुशियां आपसे खुलकर मिले |

छाँह की तरह कुछ यूँ सुकून दे,

की आपको धूप की तपन में सुखों भरी गर्माहट महसूस हो |

 

इत्मीनान आपसे हर रोज़ मिले |

कुछ इस तरह के एहसास के साथ

की दिन चाहे जितने उतार चढ़ावों से गुज़रे,

आपका एतमाद कायम रहे |

 

सुख आपको ढूंढ सके |

वक़्त की तहों को पलटते हुए आप उसके मिलने के इत्तेफ़ाक़ को समझ लेंचख लें

उस प्रिय व्यंजन की तरह जो जैसे अभी मिला हैफिर मिले |

 

मन आस्था से जगमगाता रहे |

तलवे में काँटा भी चुभेतो सिर पर ईश्वर के होने का यकीन रहे |

 

लगन की लौ हर दिल में ऊँची रहे |

जूनून इसको कुछ यूँ जलाए रखे की कोई इंसान बेमकसद  दिखे |

 

दिल में सुकून हो |

जैसे पिता को होता है,

जिसका बच्चा उसकी बांह पर सिर टिकाये सपने देख रहा हो |

 

धीर धरे हर मन |

उस किसान की तरह,

जो आसमान के मिज़ाज़ के आसरे पर माटी में भरोसा बोता है और इंतज़ार करता है |

 

किसी का भी चाँद ना रूठेना सूरज बुझे |

आंगनों में बच्चे मेहफ़ूज़ हो |

आसमान में परिंदे बेख़ौफ़ हो |

नदियों के बल रहेंनखरे कायम रहें |

पहाड़ो का फ़ख बना रहें |

ज़मीन का नाज़ रहें |

हर आँख में लिहाज़ हो |

जीने में सलीका हो |

हर कदम में एतिहयात हो |

हर नज़र मुस्कान के संग उठे |

हर हाथ में दुआ हो |

~अनाम 

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